Baidyanath Vita Ex Gold Plus -
Baidyanath Vita Ex Gold Plus -
Baidyanath Vita Ex Gold Plus - Made with Pure Shilajit and Fortified with Swarna Bhasma - 20 Capsules
1आयुर्वेद के अनुसार शिलाजीत की उत्पत्ति पत्थर से हुई है। गर्मी के मौसम में सूरज की तेज गर्मी से पहाड की चट्टानों के धातु अंश पिघल कर रिसने लगता है। इसी चीज को शिलाजीत कहा जाता है। यह देखने में तारकोल की तरह काला तथा गाढ़ा होता है जो सूखने के बाद एकदम चमकीला रूप ले लेता है।
2 यह खाने मे काफी कडवा, कसैला, गर्म तथा वीर्यवर्धक होता है। शिलाजीत का मुख्य उद्देश्य शरीर को बल देकर उसे निरोग ,ताकतवर तथा पुष्ट बनाना होता है। शिलाजीत के सूखने पर उसमें गाये के पेशाब जैसी गंध आती है। इसके सेवन से न केवल सेक्स पॉवर बढ़ती है बलके इसके शरीर पर कई अन्य प्रभाव भी होते हैं जिनकी सहायता से बुढापा भी दूर रहता है।
3 शिलाजीत के प्रयोग
शिलाजीत चार प्रकार का होता है: रजत, स्वर्ण, लौह तथा ताम्र शिलाजीत। प्रत्येक प्रकार की शिलाजीत के गुण तथा लाभ भी उनकी कूदरति के ही अनुसार होते हैं। बूढ़े होते शरीर को वापस जवान बनाने तथा झुर्रीदार त्वचा से बचने के लिए शिलाजीत का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए शिलाजीत, अश्वगंधा तथा सफेद मूसली को मिलाकर खास तरीके द्वारा दवा तैयार की जाती है। इस दवा के प्रयोग से सभी रोग दूर होकर शरीर फिरसे युवा हो जाता है और शरीर में घोड़े की सी ताकत आ जाती है।
4 जिन लोगों को मधुमेह (डायबिटीज) की समस्या है, उनके लिए भी शिलाजीत बेहद कारगर है। एक चम्मच शहद तथा एक चम्मच त्रिफला चूर्ण के साथ दो रत्ती शिलाजीत मिलाकर प्रयोग करने से डायबिटीज पूरी तरह ठीक हो जाता है।
5 शिलाजीत का ईसतेमालसे जलदि मनिनिकलनेकी समस्या दूर कर वीर्यवर्द्धन के लिए किया जाता है। इसके लिए बीस ग्राम शिलाजीत तथा बंग भस्म में दस ग्राम लौह भस्म तथा छह ग्राम अभ्रक भस्म मिलाकर खाने से बहुत लाभ होता है। इस प्रयोग से यह समस्या पुरितरह से दूर हो जाती है। ले किन इस प्रयोग के दौरान खटाई, मिर्च मसाला आदि से पूरी तरह दूर रहना चाहिए।
6जिन लोगों को बहुमूत्र या बार-बार मूत्र जाने की समस्या हो उन्हें शिलाजीत, बंग भस्म, छोटी इलायची के दाने तथा वंश लोचन का बराबर बराबर वज़न में मिलाकर शहद के साथ सुबह शाम सेवन करना चाहिए। इससे शरीर में भी ताकत आती है और शरीर मजबूत होता है।
7 स्वप्नदोष की समस्या दूर करने के लिए भी शिलाजीत का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए ख़ालिश शिलाजीत, लौहभस्म, ज़ाफरान तथा अम्बर का मिलाकर लेना होता है। इससे व्यक्ति की न केवल शारीरिक क्षमता में सुधार आता है वरन उसका बूढ़ा शरीर भी 20 वर्ष के जवान की तरह इस प्रयोग के दौरान खटाई, मिर्च मसाला आदि से पूरी तरह दूर रहना चाहिए।
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शारीरिक ताकत के साथ साथ दिमागी ताकत बढ़ाने के लिए भी शिलाजीत का प्रयोग किया जाता है। रोजाना एक चम्मच खालिस मक्खन के साथ शिलाजीत का सेवन करने से दिमागी थकावट नहीं होती और आदमी की याददाश्त तथा दिमाग तेज होते हैं।
9 शिलाजीत का प्रयोग ब्लड़प्रेशर को नॉर्मल करने में भी किया जाता है। शिलाजीत के प्रयोग से ख़ुन साफ होकर नसों में रक्तसंचार बढ़ता है जिससे पूरे शरीर में कान्ति उभरती है तथा शरीर में ताकत आती है।
10 शिलाजीत गर्म होता है, जिन्हें पहले से गर्मी बढ़ी हुई हो, उन्हें शिलाजीत से दूर रहकर अन्य औषधियों का प्रयोग करना चाहिए। साथ ही शिलाजीत के सेवन के दौरान मिर्च-मसाले, खटाई, मांस, मछली, अंडे, शराब, रात में देर तक जागना, दिन में सोने जैसे कामों से परहेज करना चाहिए।
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